indian budget 2017-18
indian budget 2017-18-
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को 2017-
18 का बजट संसद में पेश किया। यह उनका चौथा बजट था जिसे उन्होंने लोकसभा में पेश किया। वित्त मंत्री जेटली ने अपने शुरुआती बजट भाषण में नोटबंदी को सरकार का एक साहसिक कदम बताया और कहा कि इससे दशकों से जारी कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि महंगाई नियंत्रित हो गई है। निम्न विकास दर की जगह उच्च विकास दर ने ले ली है और काले धन के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि अगले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में बजट में शामिल प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
जेटली के बजट ऐलानों से व्यापारी नाखुश-
बजट में सरकार ने 3 लाख से ज्यादा नकद लेन देन पर रोक लगा दी है। अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उस पर 100 फीसदी जुर्माना लगेगा। सरकार ने नियम तो बना दिया लेकिन इसे लागू करना कितना आसान होगा। ये लागू हुआ तो इससे ऐसे कारोबार पर क्या असर पड़ेगा जो ज्यादातर कैश में ही चलते हैं। इन्ही सवालों को लेकर सीएनबीसी-आवाज़ ने देश के कारोबारियों से बात की तो आइए जानते हैं, क्या कहते कारोबारी।
कारोबारियों का कहना है कि 3 लाख रुपये कैश लिमिट का छोटे कारोबारियों पर जरुर असर पड़ सकता है। अब व्यापारी व्यापार करें या सरकारी नियमों का हिसाब करें। सरकार का एलान सही है लेकिन इसका अमल करना थोड़ा मुश्किल होगा। डिजिटल लेनदेन को बढ़ावे के साथ ट्रांजैक्शन चार्ज हटाना जरूरी है। डिजिटल लेनदेन से हर कोई वाकिफ नहीं, लिहाजा जागरुकता जरूरी है। डिजिटल से जोड़ने के लिए कमियां दूर करना भी जरूरी है।
डिजिटल ट्रैंजेक्शन पर लगने वाले चार्ज को मोदी सरकार इस बजेट में ख़त्म करेगी ऐसी उम्मीद व्यापारी से लेकर ग्राहक दोनों को थी लेकिन सरकार ने इस पर अपनी नीति साफ़ ना करने से व्यापारी ख़ुद को ठगा सा महसूस कर रहा है। व्यापारियों का कहना है की इससे डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिलने में मुश्किल होगी। अगर सरकार ने स्वाइप चार्ज रद्द किये रहते तो एक ड्रैस्टिक बदलाव साफ़ लेस कैश ट्रैंज़ैक्शन में दिख सकता है लेकिन फ़िलहाल तो ये दूर की कौड़ी लग रहा है।
जेटली के बजट पर सैलरीड क्लास की प्रतिक्रिया-
जेटली के बजट पर सैलरीड क्लास ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ का कहना है कि सरकार ने बहुत छोटी राहत दी है जबकि नोटबंदी के बाद उन्होंने बड़ी राहत की उम्मीद थी।
लोगों का कहना है कि नोटबंदी के पूरा देश इस उम्मीद में था कि सभी टैक्स स्लैब में कटौती होगी, पर सिर्फ 2.5-5 लाख स्लैब में ही कटौती हुई है। हायर सैलेरी स्लैब में भी टैक्स छूट का एलान होना चाहिए था। दिल्ली जैसे शहर में सालाना 5-10 लाख रुपये की सैलेरी कुछ बहुत बड़ी नहीं मानी जाती। गृहिणियों ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हम सुबह से आखिर तक देखते रहे कि सैलरीड लोगों के लिए क्या फायदे हैं पर इतना कुछ खास दिया नहीं मोदी सरकार ने। सिर्फ एक ही बेनिफिट है कि 5 लाख तक कमाने वाले को कम टैक्स देना होगा, पर उससे ज्यादा सैलेरी पाने वालों के लिए भी कुछ सोचना चाहिए था।
वहीं, कुछ ने ये भी कहा कि इनकम टैक्स में जो छूट है वो 4 लाख तक होनी ही चाहिए थी। क्योंकि नोटबंदी के चलते जो दिक्कतें आई हैं, उससे कुछ ज्यादा फायदा हमें मिलना चाहिए था। इस बार बजट में जो हुआ है वो तो हर बार होता है। ऐसी भी प्रतिक्रिया आई कि बजट में गरीब के लिए कुछ ज्यादा देना चाहिए था। उनको ट्रेनिंग के लिए जो लोकल लेवल पर सुविधा देने की बात हो रही है उसका बजट बहुत ही कम है। उसमें बढ़ोतरी करनी चाहिए थी। मनरेगा में ज्यादा निवेश का कोई फायदा गरीब को नहीं मिलता।
बजट: कालेधन पर प्रहार, डिजिटल को बढ़ावा-
नोटबंदी के बाद कालेधन पर सरकार ने एक और प्रहार किया है। 3 लाख रुपये से ऊपर के कैश ट्रांजैक्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अगर पकड़े गए तो 100 फीसदी तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। वित्तमंत्री ने बजट के रोडमैप और 10 प्राथमिकताओं में से सातवें नंबर पर डिजिटल इकोनॉमी की चर्चा की और कहा कि ये गति, जवाबदेही और पारदर्शिता के लिए जरूरी है। बाद में जो घोषणाएं कि उनमें 3 लाख रुपये से ऊपर के कैश ट्रांजैक्शन पर रोक, पीओएस के अलावा माइक्रो एटीएम और फिंगर प्रिंट रीडर पर छूट का एलान किया।
वित्त मंत्री ने भीम ऐप के लिए बोनस और कैशबैक का भी एलान किया है। बजट में 2.5 हजार करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्श का मिशन का प्रावधान किया गया है। सरकारी प्राप्तियों में डिजिटल पेमेंट का प्रावधान किया गया है। सितंबर तक 20 लाख आधार पीओएस का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही आरबीआई में आरएसपीएसएस की जगह पेमेंट रेगुलेटरी बोर्ड गठन करने का एलान किया गया है।
इसके अलावा आप ई-नेम योजना के विस्तार, आईआरसीटीसी से बुकिंग पर सर्विस चार्ज में छूट और ज्यादा से ज्यादा सेवाओं को ऑनलाइन करने के प्रयासों को भी जोड़ दें तो बजट में डिजिडल इंडिया की मुहिम पूरी हो जाती है। दरअसल, डिजिटल इकोनॉमी के रास्ते में अलग से लगने वाले चार्ज सबड़े बड़ा रोड़ा हैं। व्यवसायी इसका बोझ उठाने को तैयार नहीं। बजट में भी, इनपर कोई खास नजरिया नहीं मिलता।
बजट 2017: सस्ते घरों को बढ़ावा, खुश हुआ रियल्टी सेक्टर-
इस बार बजट में जिस सेक्टर को सबसे ज्यादा मिला है वो है हाउसिंग। खासतौर पर अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए सरकार ने कई बड़े एलान किए हैं। सरकार ने कई बिल्डरों की कई सालों से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए इंफ्रासट्रक्चर का दर्जा दे दिया है। अब अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए डेवलपर्स को सस्ता और आसान कर्ज मिल सकेगा।
इसके अलावा सरकार ने 80आईबी के तहत अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। स्कीम में डेवलपर्स को अफोर्डेबल हाउसिंग में इनकम टैक्स पर छूट मिलती है। बदले हुए नियमों के तहत अफोर्डेबल हाउसिंग की परिभाषा में अब बिल्ट अप की जगह कार्पेट एरिया का इस्तेमाल होगा। ऐसे में 30 से 60 स्क्वेयर मीटर के कार्पेट एरिया के साथ ज्यादा बड़े घर बनेंगे। और इन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अब 3 की जगह 5 साल का वक्त मिलेगा।
एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख का कहना है कि ये हाउसिंग के लिए काफी अच्छा बजट है। इस बजट में इंफ्रा और हाउसिंग को एक कर दिया है जिससे हाउसिंग को काफी फायदा होगा।
सरकार ने 2019 तक 1 करोड़ सस्ते मकान बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवंटन को बढ़ाकर 23,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। नेशनल हाउसिंग बैंक भी अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए 20,000 करोड़ के लोन बांटेगा। इसके अलावा अब घर खरीदारों और निवेशकों को भी थोड़ी राहत देने की कोशिश की गई है। अब अचल संपत्ति पर लगने वाले कैपिटल गेंस टैक्स की अवधि को 3 से घटाकर 2 साल कर दिया गया है। इतना ही नहीं अब टैक्स का हिसाब करने के लिए इंडेक्सेशन के लिए बेस ईयर को भी 1981 से बदल कर 2001 कर दिया गया है। इससे खर बेचने पर टैक्स का बोझ काफी कम हो जाएगा।
बजट अड्डा: बजट में चुनावों पर कितनी नजर-
बजट 2017 के एलान के पहले इसकी तारीख आगे बढ़ाने की मांग विपक्ष ने जोर शोर से उठाई। उसे डर था कि बजट में सरकार कुछ ऐसा कर सकती है जो 5 राज्यों में होने वाले चुनावों में फायदा दिलाए। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने स्पीच में ऐसे किसी भी राज्य का जिक्र नही किया जहां चुनाव होने जा रहे हैं लेकिन क्या जेटली जी ने अपने पार्टी को चुनाव प्रचार में काफी कुछ कहने के लिए दिया है? जवाब हैं हां। आज राहुल गांधी के लिए भी ये कहना मुशकिल हो गया है कि ये सरकार सूट-बूट की सरकार है। वित्त मंत्री ने अपने बजट एलान में साफ कर दिया कि सरकार की प्राथमिकता गांव, किसान और गरीब है। अब ये अलग सवाल है कि बजट एलानों से इन तबकों का कितना भला होगा। इसलिए आज हम बजट अड्डा में पूछ रहे है कि ये बजट कितना राजनीतिक रहा।
इस बजट में 3 लाख से ज्यादा कैश लेन देन पर बैन लगा दिया गया है। वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। अब राजनीतिक पार्टियां 2000 रुपये से ज्यादा चंदा नकद नहीं ले सकतीं। पार्टियां चेक, डिजिटल पेमेंट ले सकेंगी। बजट में चैरिटेबल ट्रस्ट को कैश चंदे की लिमिट 2000 तय की गई है। बता दें कि पहले नकद चंदे की सीमा 20,000 रुपये थी विदेशी निवेश आसान बनाने के लिए एफआईपीबी खत्म होगा। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की कमाई पर 5 फीसदी इनकम टैक्स लागू होगा। उच्च शिक्षा की परीक्षाओं के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के गठन का प्रस्ताव है। इस बार रेल बजट को मुख्य बजट में शामिल किया गया है। एसटीटी नहीं देने की सूरत पर आपको शेयर खरीद पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस का फायदा नहीं होगा। सरकारी कंपनियों की विनिवेश प्रक्रिया तेज होगी।
राहुल गांधी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बजट में किसानों को कोई बड़ी राहत देने और रोजगार पैदा करने का कोई जिक्र नहीं है। वहीं सीताराम येचुरी ने अपने बयान में कहा है कि जेटली के बजट से गरीबों पर इनडायरेक्ट टैक्स का बोझ बढ़ेगा, केवल छोटे करदाताओं को बेहद मामूली राहत दी गई है, किसानों की आमदनी बढ़ाने की वित्त मंत्री की बातें हवा-हवाई रहीं हैं। वहीं लालू यादव ने कहा कि नोटबंदी का क्या असर हुआ और कितना कालाधन आया, बजट में इसका कोई जिक्र नहीं है। जबकि नीतीश कुमार ने अपने बयान में कहा है कि बजट में महज नारेबाजी, है जमीनी हकीकत से इसका कोई वास्ता नहीं है।
लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट भाषण पढ़ रहे हैं. देखिए बजट में अहम मुद्दों को लेकर की गई कुछ प्रमुख घोषणाएं.वित्तमंत्री ने इस बार आम बजट के साथ रेल बजट भी पेश किया। बजट की शुरुआत शायरी से करते हुए जेटली ने सदन को संबोधित करते हुए कहा –
‘जो बात है नई उससे क्यों डरते हैं आप,
इस मोड़ पर घबराकर ने थम जाइये आप
जो बात नई उसे अपनाइये आप
डरते हैं नई राह पे क्यूं चलने से
हम आगे-आगे चलते हैं, साथ आइए आप।
इस मोड़ पर घबराकर ने थम जाइये आप
जो बात नई उसे अपनाइये आप
डरते हैं नई राह पे क्यूं चलने से
हम आगे-आगे चलते हैं, साथ आइए आप।
वित्तमंत्री इस शायरी से नोटबंदी की तरफ इशारा कर रहे थे। अरूण जेटली ने कहा, ‘नोटबंदी से देश को वित्तीय मजबूती मिली है।’
बजट की घोषणाएं:
राहुल गांधी ने कहा, यह शेर और शायरी का भाषण है, इसमें किसानों के लिए कुछ नहीं
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, बजट बेहद शानदार, एक नए युग की शुरुआत हुई/
बजट 2017: एक करोड़ से अधिक आय पर 15% सरचार्ज जारी
बजट 2017:50 लाख से एक करोड़ की आय पर 10% सरचार्ज
बजट 2017: 5 लाख तक आमदनी वाले को 5 % टैक्स, 3 लाख तक की आय वालों को कोई टैक्स नहीं
बजट 2017:
2.5 से 5 लाख की आमदानी वालों पर अब 10 की जगह से 5% टैक्स
बजट 2017: राजनीतिक चंदे पर बड़ा फैसला, राजनीतिक पार्टियां एक शख्स से सिर्फ 2000 कैश चंदा ले सकेगी
बजट 2017: 3 लाख रुपये से ज्यादा कैश में लेनदेन पर रोक, ऐसे ट्रांजैक्शन डिजिटल मोड से करने होंगे.
बजट 2017: कैश लेनदेन में सरकार का बड़ा फैसला, 3 लाख से ज्यादा कैश में लेनदेन नहीं
बजट 2017: टैक्स में मध्यम वर्ग को राहत देने का फैसला, भूमि अधिग्रहण पर मुआवजा कर मुक्त होगा
बजट 2017: 50
करोड़ से कम के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को टैक्स में 5% की राहत, अब 25% टैक्स देना होगा.
बजट 2017: टैक्स में मध्यम वर्ग को राहत देने का फैसला
बजट 2017: कर चोरी करने वालों का भार ईमानदार लोगों पर पड़ता है
बजट 2017: 99
लाख लोगों ने अपनी आमदनी 2.5 लाख रुपये से कम बताई है
बजट 2017: भारत में टैक्स से आने वाली आय काफी कम है, सिर्फ 24 लाख लोग 10 लाख से ज्यादा आय बताते हैं
बजट 2017: सरकारी घाटा 3.2% से कम कर 3.0% करने का लक्ष्य है
बजट 2017-18 का कुल खर्च 21.47 लाख करोड़ रुपये, रक्षा क्षेत्र पर 2.74 लाख करोड़ होगा खर्च
बजट 2017: सरकारी घाटा 3.2% से कम कर 3.0% करने का लक्ष्य है
बजट 2017-18 का कुल खर्च 21.47 लाख करोड़ रुपये, रक्षा क्षेत्र पर 2.74 लाख करोड़ होगा खर्च
बजट 2017: आर्थिक अपराधियों के देश से भाग जाने पर जब्त होंगी उनकी संपत्ति
बजट 2017: कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा के लिए राष्ट्रीय प्रवेश एजेंसी
बजट 2017: चंडीगढ़ और हरियाणा के 8 ज़िले केरोसीन फ्री
बजट 2017: जीपीओ से भी बन सकेंगे अब पासपोर्ट
बजट 2017: आरबीआई में भुगतान नियामकीय बोर्ड बनाने का प्रस्ताव
बजट 2017: डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए रेफरल बोनस योजना
बजट 2017: भीम एप से भुगतान पर मिलेगा कैशबैक, सवा करोड़ लोगों ने भीम ऐप अपनाया
बजट 2017: पोस्ट ऑफिस के जरिये डिजिटल योजनाएं होंगीं लागू
बजट 2017: डॉकघरों से पासपोर्ट बनाने का प्रस्ताव
बजट 2017: कैश बैक और रेफरेल बोनस स्कीम लाई जाएगी
बजट 2017: आधार कार्ड से पेमेंट के लिए 20 लाख नई मशीनें आएंगी
बजट 2017: क्रेडिट-डेबिट कार्ड ना होने पर आधार कार्ड से कर पाएंगे पेमेंट
बजट 2017:
125 लाख लोगों ने BHIM ऐप अपनाया डिजिटल इंडिया के JAAM योजना
बजट 2017: इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए अब तक का सबसे बड़ा फंड- 3 लाख 96 हजार 135 करोड़ रुपए, कमॉडिटी बाजार में सुधार पर जोर दिया जाएगा
बजट 2017: ऑनलाइन किया जा सकेगा एफडीआई का आवेदन, नया पीएसयू और ईटीएफ लांच किया जाएगा, बैंकों के री-कैपिटलाइजेशन के लिए दस हजार करोड़ रुपए
बजट 2017: महिला कल्याण के लिए 1.86 लाख करोड़ का फंड
बजट 2017: गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा
बजट 2017: किसानों को 10 लाख करोड़ का कर्ज दिया जाएगा
बजट 2017: भारत नेट योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपए
बजट 2017: विदेशी निवेश के लिए ऑन लाइन अर्जी दायर कर सकेंगी कंपनियां
बजट 2017: साल 2019 तक सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट, रेलवे में स्वच्छता पर दिया जाएगा जोर
बजट 2017: ट्रेनों में कोच मित्र सेवा शुरु की जाएगी, 500 किलोमीटर नई रेल लाइन बनेगी, 7000 स्टेशन सौर ऊर्जा से जुड़ेंगे
बजट 2017: पर्यटन और तीर्थ के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी।
बजट 2017: नई मेट्रो रेल पॉलिसी लाई जाएगी, एयरपोर्ट के बुनियादी ढांचे में और सुधार होगा, नेशनल हाइवे के लिए 64 हजार करोड़ रुपए
बजट 2017:
साल 2020 तक मानव रहित रेलवे-क्रॉसिंग होगी खत्म और 7 हजार स्टेशन सौर ऊर्जा से जुड़ेंगे
बजट 2017:
रेल सेफ्टी फंड के लिए 1 लाख करोड़ का फंड, रेल में यात्रियों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता, टूरिज्म और धार्मिक यात्रा के लिए अलग से सुविधाएं
बजट 2017:
ट्रेनों में पैसेंजर की सुरक्षा पर दिया जाएगा जोर, अतिरिक्त संसाधनों से पैसा जुटाया जाएगी
IRCTC से टिकट कटाने पर सर्विस टैक्स नहीं लगेगा
IRCTC से टिकट कटाने पर सर्विस टैक्स नहीं लगेगा
बजट 2017:
25 चुनिंदा स्टेशनों का विकास जाएगा
बजट 2017:वरिष्ठ नागरिकों के लिए LIC योजना लाएगी सरकार
बजट 2017: डॉक्टरों के लिए पीजी रोर्स में 5000 सीटों में इजाफा किया जाएगा
बजट 2017:
2025 तक टीबी खत्म करेंगे
बजट 2017:
2020 तक चेचक खत्म करेंगे
बजट 2017:
2019 तक एक करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर निकाला जाएगा। 50,000 ग्राम पंचायतों को भी गरीबी मुक्त किया जाएगा : जेटली
बजट 2017: चालू खाता घाटा मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में घटकर 0.3 प्रतिशत रहा। पिछले वित्त वर्ष में यह एक प्रतिशत था.
बजट 2017: अनुबंधित खेती के लिए एक आदर्श कानून बनाया जाएगा।
बजट 2017: अनुबंधित खेती के लिए एक आदर्श कानून बनाया जाएगा।
बजट 2017: विश्व बैंक का अनुमान 2017-18 में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत तथा 2018-19 में 7.8 प्रतिशत रहेगी। .
बजट 2017: फसल बीमा योजना के लिए 2017-18 में 9,000 करोड़ रपये का प्रावधान। इस योजना का कवरेज 2016-17 के 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 2017-18 में 40 प्रतिशत तथा 2018-19 में 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य
बजट 2017: किसानों की आय दोगुनी करने, युवाओं को रोजगार के लिए सक्षम बनाने और डिजिटल अर्थव्यवस्था सहित बजट में 10 बिंदुओं पर जोर.
बजट 2017: बजट में कृषि रिण के लिए 10 लाख करोड़ रपये का लक्ष्य
बजट 2017: ग्रामीण और कृषि से जुड़े क्षेत्रों के लिए 1,87,223
करोड़ रुपए
बजट 2017:सीनियर सिटीजन के लिए जीवन बीमा लाएगी नई स्कीम ताकि मिल सके 8 फीसदी का निश्चित रिटर्न
बजट 2017:बेघरों के लिए साल 2019 तक एक करोड़ घर बनाने का लक्ष्य
बजट 2017:गुजरात और झारखंड में खुलेंगे एम्स अस्पताल, उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय प्रवेश एजेंसी
बजट 2017:100
इंडिया स्किल सेंटर स्थापित किए जाएंगे, 5 विशेष पर्यटन जोन बनेंगे, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी बनाने का प्रस्ताव
बजट 2017:
8000 करोड़ रुपये के साथ नई दुग्ध क्रांति की शुरुआत होगी।
बजट 2017:गांवों में महिला शक्ति केंद्र बनाए जाएंगे, नोटबंदी की वजह से ब्याज दरों में कमी आई, टेक्सटाइल सेक्टर में रोजगार की योजना कामयाब
बजट 2017: माइक्रो सिचाई फंड के लिए 5000 करोड़
बजट 2017:स्कूलों के लिए नया सालाना शिक्षा कार्यक्रम
बजट 2017:ग्रामीण और कृषि से जुड़े क्षेत्रों के लिए 1,87,223
करोड़ रुपए
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